बिहार के दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरपुर रहने के लिए सबसे आरामदेह शहर है। केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने 2018 की रिपोर्ट में भागलपुर को सूबे में पहले स्थान पर रखा है जबकि दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर, तीसरे स्थान पर बिहारशरीफ और चौथे स्थान पर पटना है। रिपोर्ट के मुताबिक भागलपुर में लोगों के लिए सारी सुविधाएं कम कीमत पर उपलब्ध हैं जो दूसरे शहरों में नहीं है।

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Shumit Raaz

चार्टर अकाउंटेंट अंबरीश कुमार अग्रवाल ने बताया कि रहन-सहन के मामले में भागलपुर के हर सेक्टर में विकास हुआ है। ब्रांडेड कंपनियों से लेकर स्कूल व हॉस्पिटल की बेहतर सुविधाएं किफायती दर पर मिल रही हैं। इसलिए यहां पूर्वी बिहार, कोसी, सीमांचल समेत झारखंड के कई जिले मिलाकर कुल 15 जिलों के लोग पढ़ाई, बाजार, इलाज के लिए आते व रहते हैं।

पढ़ाई व इलाज की बेहतर सुविधा, उद्यमी उत्तम झुनझुनवाला ने बताया कि एयरपोर्ट को छोड़कर परिवहन की सारी सुविधाएं यहां हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज, ट्रिपल आईटी की सुविधाएं यहां पर हैं। कोचिंग संस्थानों से लेकर सरकारी कॉलेजों में भी दाखिले के लिए यहां आसपास के जिलों से छात्र आते हैं।

उन्नत पैदावार ने बदली सूरत, कतरनी और दूसरे चावल, केला, मक्का से लेकर दलहन, सब्जी की पैदावार भागलपुर और आसपास के इलाके में काफी होती है। किसानों को इन फसलों से लाभ मिलता है। गंगा के इस पार और उस पार दोनों तरफ के किसान भी अपने बच्चों के लिए भागलपुर में बेहतर भविष्य ढूंढ रहे हैं। देसी और शुद्ध खाने के सामान अपेक्षाकृत सस्ते दरों पर यहां मिल जाता है। वहीं तसर सिल्क भागलपुर की अर्थव्यवस्था की नींव है और दुनियाभर में इसके चलते भागलपुर की पहचान है। चैंबर अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला ने बताया कि भागलपुर में हवाई सुविधा हो और जाम की समस्या नहीं रहे तो यह शहर रहने के लिए और भी बढ़िया साबित हो सकता है।

कुछ इस तरह तैयार हुआ डाटा, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने जून 2017 में देशभर में इस पर काम किया। इसमें आसानी से रहने का सूचकांक तैयार करने के लिए चार स्तंभ पर काम हुआ। इसमें संस्थागत, सामाजिक, आर्थिक और भौतिक सुविधाओं को 15 श्रेणियों में बांटा गया। इसमें शासन, पहचान और संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, आवासीय परिसर, सार्वजनिक खुली जगह, परिवहन और गतिशीलता, सुनिश्चित जलापूर्ति, बिजली, अपशिष्ट जल प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, शक्ति और पर्यावरण आदि शामिल था।

पर्यावरण और पर्यटन की असीम संभावना
भागलपुर में पर्यावरण और पर्यटन की असीम संभावना है। गंगा डॉल्फिन सेंचुरी भागलपुर में है। पास के बौंसी में मंदार पर्वत। भागलपुर में जैन मंदिर, कहलगांव में विक्रमशिला व बटेश्वर स्थान से लेकर सुल्तानगंज सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से धरोहर है।

Input : Live Hindustan

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