देश के ईमानदार पुलिस अधिकारियों में एक बड़ा नाम 2006 के आइपीएस अफसर शिवदीप वामनराव लांडे का नाम भी शामिल है. महाराष्ट्र के रहने वाले इस आइपीएस को बिहार कैडर मिला तो चुनौतियां अपार थीं, लेकिन वे जहां भी रहे अपराधियों व अवैध कारोबारियों के लिए ‘काल’ बन गए. शिवदीप लांडे सिर्फ बिहार पुलिस की पहचान ही नहीं बल्कि बिहार पुलिस का ब्रह्मास्त्र हैं क्योंकि उनकी पहुंच से कोई भी अपराधी अधिक दिनों तक दूर नहीं रह सकता. बिहार के अपराधियों और अंडरवर्ल्ड में जहाँ शिवदीप लांडे के नाम का आतंक है तो बिहार की जनता में उनके लिए सम्मान और प्यार है.

 पुलिस सेवा में ईमानदारी को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए  शिवदीप लांडे ने नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को बताया कि जब भी ईमानदारी के रास्ते से भटकाव आने लगे, या मन में गलत बातें आती हैं, तब एक बार अपने नियुक्ति पत्र पर निगाहें अवश्य डालें.

इस अफसर की ईमानदारी और बहादुरी के कारण ही उन्हें उनके साथ काम करने वाला हर पुलिसकर्मी भी स्नेह और रखता है. इसकी बानगी एक बार फिर सहरसा में तब देखने को मिली जब कोसी क्षेत्र के डीआईजी और सुपर कॉप आईपीएस अधिकारी के तौर पर जाने जाने वाले  शिवदीप लांडे को बिहार पुलिस के नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षको ने अपना रोल मॉडल बताया.

बिहार पुलिस अवर सेवा चयन आयोग द्वारा कोसी प्रक्षेत्र के लिए कुल 73 दरोगा का चयन किया गया है. इन सभी को डीआईजी शिवदीप लांडे ने नियुक्ति पत्र सौंपा है. नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद नवनियुक्त  दारोगाओं ने अपने चहते अधिकारी के साथ जमकर सेल्फी ली. इस दौरान डीआईजी शिवदीप लांडे ने सभी नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को पुलिसिंग के कई महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए.

 डीआईजी ने यह भी बताया कि एक दारोगा का कॉन्स्टेबल के साथ व्यवहार सफल पुलिसिंग के लिए कितना बेहतर है. डीआईजी ने बताया कि दरोगा और कांस्टेबल के बीच अंडरस्टैंडिंग हो तो कई महत्वपूर्ण अपराधिक घटनाओं को सुलझाने में काफी मदद मिलती है.

आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने बताया कि पुलिसिंग में  दारोगा का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचने वाला अधिकारी दारोगा ही होता है. इमरजेंसी सर्विस के दौरान एक दारोगा की क्या भूमिका होनी चाहिए इसको लेकर डीआईजी शिवदीप लांडे ने कई महत्वपूर्ण बातें बताईं.

डीआईजी ने यह भी बताया कि एक दारोगा का कॉन्स्टेबल के साथ व्यवहार सफल पुलिसिंग के लिए कितना बेहतर है. डीआईजी ने बताया कि दरोगा और कांस्टेबल के बीच अंडरस्टैंडिंग हो तो कई महत्वपूर्ण अपराधिक घटनाओं को सुलझाने में काफी मदद मिलती है.

 बिहार पुलिस अवर सेवा चयन आयोग द्वारा कोसी प्रक्षेत्र के लिए कुल 73 दरोगा का चयन किया गया है. इन सभी को डीआईजी शिवदीप लांडे ने नियुक्ति पत्र सौंपा है. नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद नवनियुक्त  दारोगाओं ने अपने चहते अधिकारी के साथ जमकर सेल्फी ली. इस दौरान डीआईजी शिवदीप लांडे ने सभी नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को पुलिसिंग के कई महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए.

फिटनेस को लेकर भी डीआईजी शिवदीप लांडे ने नवनियुक्त दारोगाओं को कई महत्वपूर्ण बातें बताईं. डीआईजी ने बताया कि फिटनेस केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक भी होनी चाहिए.  डीआईजी ने बताया कि पुलिस सेवा में आने के बाद भी आज भी वह शारीरिक तौर पर खुद को फिट करने के लिए काफी मेहनत करते हैं. शिवदीप लांडे ने बताया कि आज भी वह प्रतिदिन 6 किलोमीटर से ज्यादा की दौड़ लगाते हैं और घंटे भर एक्सरसाइज करते हैं.

पुलिस सेवा में ईमानदारी को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए  शिवदीप लांडे ने नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को बताया कि जब भी ईमानदारी के रास्ते से भटकाव आने लगे, या मन में गलत बातें आती हैं, तब एक बार अपने नियुक्ति पत्र पर निगाहें अवश्य डालें.

डीआईजी ने बताया कि सभी नवनियुक्त दारोगा को याद रखना चाहिए कि समाज में कई ऐसे रोल मॉडल हैं जिन्होंने ईमानदारी का रास्ता अख्तियार किया हुआ है. उन्होंने बताया कि जब कर्तव्य के निर्वहन के दौरान भटकाव आने लगे तब अपने रोल मॉडल को याद करना चाहिए ताकि सेवाकाल में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की भावना सदा बनी रहे.

Source : News18

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