कोरोना काल में जब रोजगार के सभी दरवाजे बंद हो रहे थे, तब खेती-किसानी अर्थव्यवस्था को संभालती रही। न सिर्फ स्थानीय किसान, बल्कि बाहर से बेरोजगार होकर घर लौट रहे कामगारों को सहारा दिया। इस साल किसान अतिवृष्टि से परेशान रहे। उसके बाद रबी बोआई में सरकारी गेहूं का बीज लगाया, लेकिन वह बेकार साबित हुआ। उसमें अंकुरण ही नहीं हुआ। इधर विभाग की ओर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।

जिले में अबतक 3007 किसानों ने दो करोड़ 66 लाख 96 हजार रुपये का गलत तरीके से उठाव किया है। वैसे किसान सम्मान निधि लेने लगे जो इनकम टैक्स दे रहे थे। अब विभाग की सख्ती के बाद 38 लोगों ने राशि वापस की है। जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से इस साल आधुनिक खेती के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। इससे किसानों की आमदनी हुई है। अब हर खेत में पानी पहुंचाने का सर्वेक्षण चल रहा है। इससे आने वाले दिनों में किसानों को पटवन में सहूलियत होगी। आत्मा किसान समिति के अध्यक्ष केरवां के प्रगतिशील किसान संतोष कुमार ने बताया कि इस साल गेहूं बीज के अंकुरित नहीं होने से किसान परेशान रहे। सरकार की ओर से किसानों के लिए बेहतर बाजार व्यवस्था करने की जरूरत है।

सरकार की ओर से ये चल रहीं योजनाएं

– मछली पालन के 50 फीसद अनुदान पर पोखर खोदवाने व पालन के लिए दी जा रही राशि

– जलछार योजना जल-जीवन-हरियाली मिशन के लिए इस योजना मेें किसान को दो कठ्ठा में तालाब खोदना है। वर्षा पानी का संचय कर खेती में उसका उपयोग करना है। इसपर 75 हजार अनुदान है।

– खेत के पटवन के लिए 80 से 100 फीट के बीच गाडऩे पर 12 हजार का अनुदान दिया जा रहा है।

– बिजली मोटर पर 50 फीसद अनुदान दिया जा रहा है।

– खेत जुताई के लिए इस्तेमाल होने वाले रोटावेटर, कल्टीवेटर जीरो टिलेज, मशीन थ्रेेसर पर 50 से 70 फीसद तक अनुदान मिल रहा है।

– डिप एरीकेशन यानी बूंद-बूंद सिंचाई पर 90 फीसद अनुदान।

– गाय व भैंस खरीदन पर 50 व बकरी पालन पर 50 से 75 फीसद अनुदान।

– धान के बीज पर दस फीसद व जीरो टिलेज पर शत-प्रतिशत अनुदान

– गेहूं व मक्का बीज पर 10 रुपये किलो अनुुुदान मिल रहा है।

Input: Dainik Jagran

rama-hardware-muzaffarpur

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD