कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर अब बिहार के हड़ताली शिक्षकों ने भी जागरूता अभियान चलाने का एलान किया है. 31 मार्च तक बिहार के हड़ताली शिक्षक (Teachers Stirke) अब गांव-गांव में समूह बनाकर लोगों को ना सिर्फ जागरूक करेंगे बल्कि छात्रों और आमलोगों के बीच मास्क और सैनिटाइजर भी वितरित करेंगे.

गांव-गांव घूमकर देंगे संदेश

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति ने ब्रजनंदन शर्मा की अध्यक्षता में बैठक कर ये निर्णय लिया है कि अब राज्य के 4 लाख शिक्षक कोरोना से लड़ने के लिए तैयार हैं. शिक्षक संघ ने ये भी फैसला लिया है कि इस बीच शिक्षक गांव में जाकर नुक्कड़ नाटक ,गीत कविता के जरिए भी लोगों को कोरोना से बचाव का संदेश देंगे साथ ही शिक्षकों के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान भी चलाएंगे. संघ के नेता आनंद कौशल, बंशीधर ब्रजवासी, आनंद मिश्रा, मार्कण्डेय पाठक, अश्विनी पांडेय ने साफ कहा कि कोरोना को लेकर भले ही सरकार शिक्षकों की हड़ताल को भुलाना चाह रही है लेकिन हमारी एकता में इतनी ताकत है कि हम हर जगह विधायक से लेकर विधान पार्षद, मंत्री और मुख्यमंत्री के भी घेराव करेंगे और जब तक मांगें पूरी नहीं होती है तब तक किसी भी कीमत पर हड़ताल खत्म नहीं होगी और शिक्षक धरना स्थल की जगह अब गांव में समूह बनाकर कूच करेंगे.

छुट्टी का स्वागत लेकिन मूल्यांकन पर सवाल

जहां शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है वहीं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. संघ के महासचिव शत्रुध्न प्रसाद सिंह ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 31 मार्च तक छुट्टी करने के फैसले का जहां स्वागत किया है वहीं मैट्रिक और इंटर के मूल्यांकन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार को शिक्षकों की जरा
भी फिक्र नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि सरकार शिक्षकों का जान लेकर रहेगी तभी तो किसी मूल्यांकन केंद्रों पर ना तो मास्क का इंतजाम किया गया है और ना ही सैनिटाइजर उपलब्ध है. माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार से अपील करते हुए चेतावनी भरा पत्र भेजा है कि हर हाल में 31 मार्च तक शिक्षकों

Input :News18

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