INDIA
पटना में केस दर्ज होने से बुरी तरह फंस गईं रिया चक्रवर्ती, अब सुप्रीम कोर्ट से की यह मांग

सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के मामले में फंस गयी उनकी पूर्व गर्ल फ्रेंड रिया चक्रवर्ती सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है. रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटना में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को मुंबई ट्रांसफर करने की गुहार लगायी है.
गिरफ्तारी से बचने की कोशिश
दरअसल पटना पुलिस ने अपनी जांच में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ काफी सबूत इकट्ठा कर लिया है. इसके बाद रिया चक्रवर्ती के होश फाख्ता हैं. रिया को लग रहा है कि पटना पुलिस उसे कभी गिरफ्तार कर सकती है. लिहाजा उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने बताया कि उन्होंने रिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें पटना में दर्ज केस को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की गयी है.
रिया पर है बेहद संगीन आरोप, गिरफ्तार कर सकती है पटना पुलिस
गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करायी है. इसमें हीरोइन और सुशांत की गर्ल फ्रेंड रही रिया चक्रवर्ती पर बेहद गंभीर आरोप लगाये गये हैं. एफआईआर के मुताबिक रिया ने सुशांत को न सिर्फ आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया बल्कि उसके करोड़ों रूपये की भी हेरा फेरी कर ली. पढ़िये सुशांत के पिता के वो 7 आरोप जो एफआईआर में लगाये गये हैं.
रिया पर सुशांत के पिता के 7 आरोप
1. 2019 से पहले सुशांत सिंह राजपूत को कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी. 2019 में वे रिया के संपर्क में आये फिर अचानक क्या हुआ? सुशांत को दिमागी रूप से अचानक से परेशानी कैसे हो गयी, क्या परेशानी हो गयी?
2. जब कोई भी व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार वालों के पास होते हैं. लेकिन सुशांत के मानसिक रूप से बीमार होने की जानकारी तक उसके परिवार वालों को नहीं दी गयी. अगरउसका दिमागी इलाज चल रहा था तो परिवार वालों से कोई लिखित या मौखिक इजाजत क्यों नहीं ली गई?
3.सुशांत के पिता ने कहा है कि जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से सुशांत का इलाज किया है वे डाक्टर भी रिया के साथ इस सारे षड्यंत्र में शामिल थे. इस बात की जांच होनी चाहिए कि उन्होंने क्या-क्या इलाज किया था? कौन-कौन सी दवाइयां सुशांत सिंह राजपूत को दी गयीं थीं?
4. जब रिया को पता चला कि मेरे बेटे की मानसिक हालत नाजुक चल रही है तो इस हालत में उसने ठीक तरीके से इलाज क्यों नहीं करवाया. उसके इलाज के सारे कागजात वह अपने साथ लेकर क्यों चली गयी. उसने क्यों सुशांत से सारे संपर्क तोड़ लिये. इन सबके कारण ही सुशांत ने आत्महत्या कर ली।
5. कुछ महीने पहले सुशांत सिंह राजपूत फिल्म लाइन को छोड़कर केरल में ऑर्गेनिक खेती करना चाहता था. जब उसका दोस्त महेश उसके साथ केरल जाने के लिए तैयार था तब रिया ने उसे केरल नहीं जाने दिया. रिया ने कहा था कि अगर सुशांत से उसकी बात नहीं मानी तो वह मीडिया में उसकी मेडिकल रिपोर्ट दे देगी और बता देगी कि वह पागल हो गया है. उसके बाद रिया को लगा कि सुशांत सिंह उसकी इस बात को नहीं मान रहा है और उसका बैंक बैलेंस भी कम हो गया है. तब रिया ने सोचा कि अब सुशांत उसके किसी काम का नहीं रहा. इसके बाद सुशांत के घर रह रही रिया लैपटॉप, कैश, जेवर, क्रेडिट कार्ड, इलाज के दस्तावेज, पिन नंबर, पासवर्ड, सब साथ लेकर चली गई.
6. पहले सुशांत का अभिनय जगत में पूरा नाम था तो ऐसा क्या कारण रहा कि रिया के आने के बाद सुशांत सिंह को फिल्में मिलना एकदम से कम हो गईं.
7. सुशांत के एक बैंक स्टेटमेंट से पता चला कि उस बैंक के खाते में 17 करोड़ रुपए थे. पिछले 1 साल में 15 करोड़ निकाले गए हैं. जिन जगहों पर यह पैसे ट्रांसफर हुए, उनका सुशांत से कोई लेना-देना नहीं था. सुशांत के सभी खातों की जांच की जाए. इन बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड से कितना पैसा रिया ने अपने परिजन एवं सहयोगियों के साथ धोखेबाजी से निकाला इसकी जांच होनी चाहिये.
सुशांत की दो कंपनियों में रिया
कागजात बताते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत ने तीन कंपनियों में अपना पैसा लगाया था. इनमें से दो कंपनियां 2020 में खोली गयी थीं. इन दो कंपनियों में से एक में रिया और उसका भाई शोविक चक्रवर्ती डायरेक्टर था. दूसरी कंपनी में सिर्फ रिया का भाई शोविक डायरेक्टर था. इन्हीं कंपनियों में सुशांत ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा इन्वेस्टमेंट किया था.
गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने पटना में रिया, उसके पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती, मां संध्या चक्रवर्ती, भाई शोविक चक्रवर्ती, दो मैनेजर सौमिल चक्रवर्ती और श्रुति मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है. मामला 14 जून का है जब एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. रिया चक्रवर्ती ने कहा था कि डिप्रेशन के कारण सुशांत से आत्महत्या की थी. लेकिन सुशांत के परिवार ने पुलिस अधिकारियों को जो बयान दिया है, उसके मुताबिक सुशांत डिप्रेशन में नहीं थे.
Input : First Bihar
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नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-1 का प्रक्षेपण सफल, अब सेना होगी और सशक्त

धरती से लेकर अंतरिक्ष तक भारत की उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। सोमवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO ने सफलतापूर्वक नेविगेशन सैटेलाइट NVS-1 को लॉन्च कर दिया है। खास बात है कि यह अंतरिक्ष यान नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) सीरीज का हिस्सा है। इसरो इसके जरिए मॉनिटरिंग और नेविगेशन के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाना चाहता है।
https://twitter.com/ANI/status/1663052195343007744
अंतरिक्ष एजेंसी ने दूसरी पीढ़ी की नौवहन उपग्रह श्रृंखला के प्रक्षेपण की योजना बनाई है जो नाविक (जीपीएस की तरह भारत की स्वदेशी नौवहन प्रणाली) सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगी। यह उपग्रह भारत और मुख्य भूमि के आसपास लगभग 1,500 किलोमीटर के क्षेत्र में तात्कालिक स्थिति और समय से जुड़ी सेवाएं देगा।
इसरो के सूत्रों ने बताया कि प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती रविवार को सुबह सात बजकर 12 मिनट पर शुरू हो गई थी। खबर है कि 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हो गया।
इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद, रॉकेट लगभग 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा।
एनवीएस-01 अपने साथ एल1, एल5 और एस बैंड उपकरण ले जाएगा। पूर्ववर्ती की तुलना में, दूसरी पीढ़ी के उपग्रह में स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी भी होगी। इसरो ने कहा कि यह पहली बार है जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का सोमवार के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया जाएगा।
NavIC एक रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है, जिसे ISRO ने तैयार किया है। यह सात सैटेलाइट्स का एक समूह है, जो ग्राउंड स्टेशन्स के साथ मिलकर काम करता है। यह नेटवर्क नेविगेशन से जुड़ी सेवाएं देता है। कहा जा रहा है कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं देने के लिए इस सिस्टम को तैयार किया गया है। यह भारतीय सीमा से आगे तक 1500 किमी के क्षेत्र का नेटवर्क कवर करता है।
खबर है कि 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भारत को जब मदद की जरूरत पड़ी, तो अमेरिका के हाथों निराशा मिली। GPS मदद से इनकार किए जाने के बाद भारत अपना नेविगेशन सिस्टम तैयार करने लगा था। इसे 2006 में अप्रूव किया गया और माना जा रहा था कि इसे 2011 तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। हालांकि, यह पूरी तरह तैयार 2018 तक हो सका।
इस तकनीक का इस्तेमाल जमीन, हवा और पानी में होने वाले परिवहन पर हो सकता है। साथ ही यह लोकेशन आधारित सेवाओं के लिहाज से भी काफी अहम है। ISRO का मानना है कि दूसरी पीढ़ी की नेविगेशन सैटेलाइट सीरीज में NVS-1 पहला है। यह नाविक की विरासत को बनाए रखेगा और Li बैंड में नई सेवाए देगा।
Source : Hindustan
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हिरासत में लिए गए पहलवान, जंतर-मंतर से दिल्ली पुलिस ने उखाड़े तंबू

भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक महीने से अधिक लंबे पहलवानों के धरने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे पहलवानों को हिरासत में ले लिया. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का तंबू भी हटा दिया है.
बताया जाता है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने नए संसद भवन तक शांतिपूर्ण मार्च का ऐलान किया था. पहलवान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 11 बजकर 30 मिनट पर नए संसद भवन के लिए निकले. दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर रखी थी.
नए संसद भवन तक जाने के लिए निकले पहलवानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी. पुलिस ने साक्षी मलिक समेत कुछ पहलवानों को हिरासत में ले लिया. पहलवान नए संसद भवन तक शांतिपूर्ण मार्च निकालने पर अड़े रहे. पहलवानों ने शांतिपूर्ण मार्च निकालने को अपना अधिकार बताया और दिल्ली पुलिस पर देश विरोधी कहने का भी आरोप लगाया.
https://twitter.com/SwatiJaiHind/status/1662728873476526080
पुलिस ने जब बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को हिरासत में ले लिया तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. इससे पहले विनेश फोगाट ने वीडियो जारी कर आरोप लगाए थे कि महिला महापंचायत में शामिल होने आ रहे सभी लीडर्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
फोगाट बहनों की फोटो ट्वीट कर DCW चीफ ने किया तंज
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने फोगाट बहनों की एक तस्वीर ट्वीट किया है. इस तस्वीर में दोनों बहनें एक-दूसरे से लिपटकर रोड पर लेटी नजर आ रही हैं. कहा जा रहा है कि पुलिस ने जब पहलवानों का नए संसद भवन तक मार्च से रोका और उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तब दोनों बहनें एक-दूसरे से लिपटकर रोड पर ही लेट गईं.
https://twitter.com/SwatiJaiHind/status/1662722160413278212
इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए स्वाति मालिवाल ने दिल्ली पुलिस को घेरा. दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख ने अपने ट्वीट में कहा है कि इन लड़कियों ने विदेशी सरजमीं पर तिरंगा ऊंचा किया था. आज इन बेटियों को ऐसे घसीटा जा रहा है और तिरंगा ऐसे सड़क पर अपमानित हो रहा है.
पहलवान बजरंग पूनिया ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम 11:30 बजे नई संसद की ओर कूच करेंगे. मैं पुलिस प्रशासन से अपील करूंगा कि हम शांतिपूर्वक जाएंगे, हमें परेशान न किया जाए. सभी से अनुरोध है कि शांति बनाए रखें. पूनिया ने आरोप लगाया था कि पुलिस के अधिकारी बदतमीजी कर रहे हैं. परिवारों को भी अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. आज महा पंचायत होगी. हमने इसकी अनुमति के लिए कल ही आवेदन दे दिया था. पुलिस हमारे लोगों को गुमराह कर रही है. हमसे कोई बातचीत नहीं हुई है.
सरकार समझौते का दवाब बना रही: विनेश फोगाट
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि सरकार हम पर समझौते का दबाव बना रही है, लेकिन हम समझौते के लिए तैयार नहीं है क्योंकि जो शर्त रखी जा रही है वो बृजभूषण की गिरफ़्तारी की बिल्कुल नहीं है. नई संसद के सामने होने वाली महिला सम्मान महापंचायत होकर रहेगी.
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त
पहलवानों के नई संसद कूच के ऐलान को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दी गई थी. ईस्ट दिल्ली की डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. हमारे पास अतिरिक्त मात्र में सुरक्षा बल है और सभी की तैनाती की गई है. वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी थी क्योंकि खाप पंचायत के नेताओं और किसानों ने नए संसद भवन की ओर प्रदर्शनकारी पहलवानों के मार्च में शामिल होने की घोषणा की थी.
बुलंदशहर में धरने पर बैठे किसान नेता
इधर, जंतर-मंतर जाने से पहलवानों पर हुई कार्रवाई पर भाकियू (टिकैत) कार्यकर्ता भड़क गए. NH-34 को जाम करके वे लोग नेशनल हाइवे पर ही धरने पर बैठ गए. सूचना मिलते ही एसपी सिटी और पुलिसवाले मौके पर पहुंच गए.
Source : Aaj Tak
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मेडिकल स्टोर की मनमानी पर लगेगी लगाम, जितनी जरूरत उतनी ही गोली खरीदने की होगी आजादी

आप जब मेडिकल स्टोर से एक या दो टैबलेट लेने जाते हैं तो अक्सर आपको पूरी पट्टी खरीदनी पड़ती है। आने वाले समय में आपको इससे राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार का उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय एक योजना पर काम कर रहा है। इसके मुताबिक, छेद वाली दवाई पट्टी तैयार की जाएगी। इसके हर हिस्से में निर्माण और एक्सपायरी की तारीख लिखी होगी। इससे आपको जितनी ही टैबलेट चाहिए उतनी ही मिलेगी। एक और विकल्प की तलाश की जा रही है। दवा की पट्टियों पर क्यूआर कोड अंकित किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर पूरी पट्टी खरीदने पर जोर देने की शिकायतों में वृद्धि देखी गई है। इसके बाद कंपनियों से बातचीत शुरू की गई। आने वाले समय में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।
मंत्रालय ने हाल ही में फार्मा उद्योग के दिग्गजों के साथ इस मामला पर विचार-विमर्श किया। बैठक में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के शीर्ष अधिकारियों ने भी भाग लिया। अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की गई और मंत्रालय ने सुझाव दिया कि दवाओं की पैकेजिंग के लिए नई तकनीकों की खोज की जानी चाहिए।
अधिकारियों ने कहा कि दवा की पूरी पट्टी जबरन खरीदने से बर्बादी होती है। ग्राहकों पर भी अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा, “हम पट्टी को काटने के लिए वेध तकनीक अपनाने और प्रत्येक पट्टी पर निर्माण और समाप्ति तिथि प्रिंट करने का सुझाव देते हैं। क्यूआर कोड का उपयोग करने का भी सुझाव दिया गया है।”
Source : Hindustan
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