पूरा देश आज आजाद हिंद फौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मना रहा है. सुभाष चंद्र बोस का गाजीपुर से भी खास कनेक्शन रहा है. 1940 में वह कांग्रेस संगठन के चुनाव के संबंध में गाजीपुर पहुंचे थे. सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक करीब 6 घंटे उन्होंने गाजीपुर में गुजारे थे. उस दौरान उन्होंने संगठन को लेकर गाजीपुर के टाउन हॉल के मैदान में एक जनसभा भी की थी. इसके बाद वह बलिया पहुंचे थे. गाजीपुर में सुभाष चंद्र बोस स्वर्गीय राम कृष्ण भट्ट के घर पर रुके थे. उन्हीं के घर उन्होंने भोजन भी किया था.

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सुभाष चंद्र बोस की जयंती  के मौके पर पर आज स्वर्गीय राम चंद्र भट्ट के परिवार ने बोस के विचारों को मामने वाले अन्य लोगों के साथ मिलकर एक गोष्ठी का आयोजन किया. इस दौरान सभी ने अपने-अपने विचार साझा किए. इन सभी लोगों ने इंडिया गेट  पर सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाए जाने पर केंद्र सरकार का आभार भी जताया. 1940 में गाजीपुर पहुंचे सुभाष चंद्र बोस झुन्नु लाल चौराहे के पास भट्ट परिवार के घर पहुंचे थे. दरअसल वह उस दौरान कांग्रेस के संगठन के चुनाव को लेकर वहां पहुंचे थे. उसके बाद शाम को 4 बजे उन्होंने टाउन हॉल में एक जनसभा को भी संबोधित किया था.

'सुभाष चंद्र बोस के साथ छल कर गुमनामी में ढकेला' 126वीं जयंती पर नेताजी को याद कर बोले गाजीपुर के लोग

ब्राह्मण परिवार में बोस ने खाया था खाना

सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके पर आज गोष्ठी के आयोजन के दौरान स्वर्गीय रामकष्ण भट्ट के बेटे जय सूर्य भट्ट ने एक बार फिर आजाद हिंद फोज के संस्थापक को याद किया. जय सूर्य ने बताया कि लोग कहते हैं कि गाजीपुर आने पर सुभाष चंद्र बोस ने उनके घर पर ही भोजन किया था. लोग कहते हैं कि उन्हें खाने में मछली परोसी गई थी. जय सूर्य ने साफ किया कि उनका परिवार ब्राह्मण है, उनके परिवार में कभी भी मछली नहीं बनी है. इसलिए वह विश्वास के साथ कहते हैं कि सुभाष चंद्र बोस ने उस समय परिवार में बना सादा खाना ही खाया होगा.

‘सुभाष चंद्र बोस के साथ हुआ छल’

गोष्ठी में मौजूद लोगों ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी एक गुमनामी की जिंदगी बन गई. दुख की बात ये है कि उनका पता लगाने के लिए तमाम एजेंसियों ने काम तो किया लेकिन आज तक कोई भी कुछ पता नहीं लगा पाया. उन्होंने कहा कि इसलिए पूरा देश उनके बलिदान और संघर्ष को भुला नहीं सकता. गाजीपुर के लोगों ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के साथ छल कर उन्हें गुमनामी में ढकेल दिया गया. उन सभी लोगों ने इंडिया गेट पर बोस की प्रतिमा लगाए जाने पर मौजूदा सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा कि सरकार का ये कदम स्वागत के योग्य है.

बोस की जयंती के मौके पर आयोजिक गोष्ठी में व्यास मुनी राय, कृपा शंकर राय, राम पूजन सिंह, रामाश्रय सिंह एडवोकेट ,प्रदीप देव सिंह, राकेश रंजन, पंकज कुमार श्रीवास्तव, साधन चक्रवर्ती, अजय कृष्ण, सुनील तिवारी , सुनीत पांडे ,कमलेश सिंह लाला, रिंकू अग्रवाल ,अरविंद अग्रवाल, प्रहलाद पांडे, अनिल कुमार उपाध्याय,रवि कांत पांडेय,मोहन तिवारी समेत अन्य लोग भी मौजूद रहे. गोष्ठी की अध्यक्षता सीनियर वकील राम पूजन सिंह ने की, वहीं संचालन जय सूर्य भट्ट ने किया.

Source : TV9

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