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भारत की पाक को चेतावनी, आतं’कवाद पर गंभीर हो तो दाउद व सलाहुदीन जैसों को सौंपो
पुलवामा टेरर अटैक के बाद भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण स्थिति और अंतरराष्ट्रीय दबाव से पड़ोसी देश डरा हुआ है। यही वजह है कि पाकिस्तान लगातार आतं’कवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दिखावा कर रहा है। ऐसे में अब भारत की तरफ से पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर वह आतं’कवाद के […]
पुलवामा टेरर अटैक के बाद भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण स्थिति और अंतरराष्ट्रीय दबाव से पड़ोसी देश डरा हुआ है। यही वजह है कि पाकिस्तान लगातार आतं’कवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दिखावा कर रहा है। ऐसे में अब भारत की तरफ से पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर वह आतं’कवाद के खिलाफ गंभीर है तो देश के दुश्म’नो कों हमारे हवाले कर दे।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत ने पाक को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तान वास्तव में आतंकवाद के खात्मे को लेकर गंभीर है और ठोस कार्रवाई करना चाहता है तो उसे वहां छिपे बैठे दाउद इब्राहिम व सैयद सलाहुदीन जैसे भारत के दुश्मनों को सौंप देना चाहिए। आतंक के ये आका भारतीय नागरिक हैं और पाकिस्तान में छिपे बैठे हैं।
भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद बने माहौल में भी पाकिस्तान जैश-ए-मुहम्मद और उसके जैसे अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई भी भरोसेमंद कार्रवाई करने में असफल रहा है। भारत ने पाकिस्तान द्वारा कुछ आतंकियों को हिरासत में लिए जाने के कदम को दिखावा करार दिया है। साथ ही ये भी कहा है कि इस तरह के दिखावे से कुछ भी हल होने वाला नहीं है।
भारत ने पाक को कहा है कि वह यहां पर हुई सिलसिलेवार आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार दाउद इब्राहिम, सलाहुद्दीन जैसे अन्य मोस्ट वांटेड आंतकियों को सौंपे। सूत्रों के अनुसार भारत ने पाकिस्तान को कई ऐसे पुख्ता सुबूत सौंपे हैं, जिसे किसी तीसरे देश से भी सत्यापित कराया जा सकता है। इसमें इस्लामाबाद से संचालित होने वाले आतंकी समूहों के कोऑर्डिनेट्स भी शामिल हैं। मालूम हो कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की कूटनीतिक ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग कर दिया है।
भारत ने स्पष्ट किया है कि उसे पाकिस्तान से उसकी सरजमीं पर चल रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ पुख्ता और सत्यापित कार्रवाई चाहिए। मालूम हो कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े मौजूद तनाव की वजह 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुआ आत्मघाती हमला है। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी। जैश-ए-मुहम्मद का मुखिया मसूद अजहर, भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है। उस पर भारत में कई आतंकी हमले कराने का आरोप है।
पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट विमानों ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में चल रहे जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर बम गिराकर तबाह कर दिया था। इसके अगले दिन ही पाकिस्तान ने भी अपने लड़ाकू विमानों को भारत की सीमा में भेजकर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का नाकाम प्रयास किया था। इसके बाद से ही पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर से लगी सीमा पर लगातार सीज फायर का उल्लंघन कर युद्ध जैसे हालात पैदा कर रही है।
Input : Dainik Jagran
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जमीन व फ्लैट के निबंधन में एक जून से गवाह की जरूरत नहीं

बिहार में जमीन, फ्लैट, मकान समेत अन्य के निबंधन का प्रावधान 1 जून से बदल जाएगा। अब निबंधन में गवाह की अनिवार्यता समाप्त होने जा रही है। किसी तरह के निबंधन में दो या चार गवाहों को लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, न क्रेता को और न ही बिक्रेता को।
इस नए प्रावधान के तहत निबंधन कार्यालय में सिर्फ जमीन या फ्लैट खरीदने और बेचने वाले ही आएंगे। इस नए नियम को बहाल करने को लेकर उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। साथ ही संबंधित कंपनी को सॉफ्टवेयर में अहम बदलाव करने को भी कहा है। इसके लिए 1 जून तक की डेटलाइन दी गई है। इस बदलाव से अब सिर्फ जमीन-फ्लैट के क्रेता या खरीदने वाले को अपना-अपना आधार नंबर देना होगा और इसे बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए वैध करना होगा।
राज्य में 137 निबंधन कार्यालय हैं। इन सभी में रोजाना औसतन 5 हजार निबंधन होते हैं। नई प्रणाली से भीड़ कम होगी और राजस्व बढ़ेगा।
इसलिए समझा जा रहा है यह जरूरी
निबंधन कार्यालयों में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान लोगों की नाहक होने वाली भीड़ को कम करना मकसद है। एक रजिस्ट्री में चार या इससे अधिक गवाह होने से काफी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे कार्यालय का कामकाज भी बाधित होता है और प्रक्रिया में समय भी अधिक लगता है। कई मामलों में गवाह जुटाने में भी कई बिचौलियों किस्म के लोग काफी सक्रिय रहते हैं। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए यह नई प्रणाली बहाल की जा रही है।
Source : Hindustan
BIHAR
नीतीश निर्देश- मास्क लगाएं, अस्पताल अलर्ट रहें; केंद्र वैक्सीन नहीं दे रहा तो खरीदें…

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा विभाग द्वारा की गयी तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों से बिहार में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। बिहार में अभी भी प्रतिदिन कोरोना की बड़ी संख्या में टेस्टिंग हो रही है। अभी पूरे देश में कोरोना की जितनी जांच हो रही है उसकी एक तिहाई जांच बिहार में हो रही है। देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 6 लाख के करीब है जबकि बिहार में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 8 लाख से ज्यादा हो रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि पूरे राज्य में अधिक से अधिक टेस्टिंग करायें। जितनी अधिक जांच होगी, कोरोना संक्रमण के मामलों का पता चलेगा । कोरोना के मामले घटे या बढ़े कोरोना की निरंतर जांच जारी रखें। अस्पतालों में मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था रखें। अस्पतालों में सभी प्रकार की दवायें एवं उपकरण उपलब्ध रखें । ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोग मास्क का प्रयोग करें। सभी को अलर्ट और एक्टिव रहना होगा। राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करायें एवं सभी प्रकार की तैयारियां रखें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना की
वैक्सीन उपलब्ध नहीं करायी जा रही है, इसको ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार अपनी तरफ से कोरोना वैक्सीन खरीदकर लोगों का टीकाकरण जारी रखेगी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।
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मुजफ्फरपुर शहर से हटाए गए चार हजार बैनर-पोस्टर

मुजफ्फरपुर : शहर से अवैध बैनर-पोस्टरों को हटाने का अभियान मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन नगर निगम की टीम ने कंपनीबाग, मोतीझील, हरिसभा चौक,इमलीचट्टी, बटलर रोड व अन्य इलाकों में चार हजार से अधिक बैनर-पोस्टर हटाए। पोल व अन्य जगहों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाने के बाद ट्रैक्टर में लोडकर डंप कर दिया गया।
सड़कों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर पर धूल जमा हो जाती है। इस कारण हवा चलने या बड़े वाहनों के गुजरने पर सड़क के साथ बैनर-पोस्टर पर जमा धूल भी उड़ने लगती है। हालात की गंभीरता को देखकर नगर आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। नगर आयुक्त नवीन कुमार के मुताबिक, अवैध तरीके से लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाया जा रहा है।
Source : Hindustan
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