Uncategorized
भाजपा नहीं बसपा के पास है सबसे ज्यादा बैंक बैलेंस, जानें किस पार्टी के पास कितना पैसा
बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पास सभी राष्ट्रीय दलों में सबसे ज्यादा बैंक बैलेंस है. NCR स्थित बैंकों के 8 एकाउंट्स में BSP के करीब 670 करोड़ रुपये हैं.
चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पास सभी राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा बैंक बैलेंस है. इसका खुलासा 25 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल खर्चों की रिपोर्ट से हुआ है. जिन पार्टियों ने खर्चे की रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी, उनमें BSP ने बताया कि उसके पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आठ एकाउंट्स में 669 करोड़ रुपये जमा है. बीएसपी ने 95.54 लाख रुपये कैश के तौर पर भी अपने पास होने की बात कही.
BSP के बाद अगला नंबर SP का है. सबसे ज्यादा धनराशि चंदे में पाने के बावजूद बीजेपी बैंक बैलेंस के मामले में 5वें नंबर पर है. यह खर्चे की रिपोर्ट सेंट्रल किटीज ऑफ पार्टीज के ब्यौरे पर आधारित है. बसपा के बाद दूसरा नंबर सपा का है. जिसके पास बैंकों में 471 करोड़ रुपये जमा है. पार्टी का बैंक बैलेंस मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावों के बाद 11 करोड़ रुपये गिरा है.
इस लिस्ट में कांग्रेस का नाम तीसरे नंबर पर आता है. जिसके बैंक एकाउंट्स में 196 करोड़ रुपये हैं. यह आंकड़े पार्टी के 2 नवंबर को कर्नाटक चुनावों के बाद चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट पर आधारित हैं. हालांकि पार्टी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों को जीतने के बाद इन आंकड़ों को अपडेट नहीं किया है.
बीजेपी इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर है. इसके पास 82 करोड़ का बैंक बैलेंस है. हालांकि वह इस मामले में तेलुगु देशम पार्टी से भी नीचे आती है, जिसके पास 107 करोड़ का बैंक बैलेंस है.
बीजेपी को मिले चंदे और चुनावी बॉन्ड्स के इसे मिले पैसे के मुकाबले वह आंकड़ा बहुत कम है, जिसे बीजेपी अपने बैंक बैलेंस के तौर पर दिखाया है. इसका कारण बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए आंकड़ों में छिपा है. पार्टी ने चुनाव आयोग में दाखिल आंकड़ों में 758 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है. यह किसी पार्टी द्वारा किया गया सबसे बड़ा खर्च है. बीजेपी ने 2017-18 में 1,027 करोड़ रुपये जुटाए थे.
पार्टियों का 87% खर्च चंदे से आता है
नवंबर-दिसंबर में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों के दौरान सपा का बैंक बैलेंस 11 करोड़ रुपये कम हुआ. वहीं बीएसपी ने इस दौरान भी अपने बैंक बैलेंस में 24 करोड़ की बढ़ोत्तरी की. जिससे इसका बैंक बैलेंस 665 करोड़ रुपये से बढ़कर 670 करोड़ तक पहुंच गया.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स द्वारा किए गए इन पार्टियों के इनकम टैक्स की बात करें तो बीजेपी को चंदे के जरिए सबसे ज्यादा पैसे आए हैं. इसे 2016-17 में 1,034 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,027 करोड़ रुपये चंदे से आए थे. इसी वक्त में बीजेपी की आमदनी 174 करोड़ से गिरकर 52 करोड़ रुपये हो गई थी. 2016-17 के दौरान कांग्रेस की आमदनी 225 करोड़ थी.
सीपीएम ने पिछले आर्थिक वर्ष में अपनी आमदनी 100 करोड़ रुपये दिखाई है. इन सारी पार्टियों की आमदनी में 87 फीसदी हिस्सा चंदे से आए धन का है. बीजेपी एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसे चुनावी बॉन्ड्स के जरिए बड़ी रकम चंदे में मिली है. इसे 2017-18 में 210 करोड़ रुपये की रकम चुनावी बॉन्ड्स के जरिए मिली.
Input : News 18
Uncategorized
जमीन व फ्लैट के निबंधन में एक जून से गवाह की जरूरत नहीं

बिहार में जमीन, फ्लैट, मकान समेत अन्य के निबंधन का प्रावधान 1 जून से बदल जाएगा। अब निबंधन में गवाह की अनिवार्यता समाप्त होने जा रही है। किसी तरह के निबंधन में दो या चार गवाहों को लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, न क्रेता को और न ही बिक्रेता को।
इस नए प्रावधान के तहत निबंधन कार्यालय में सिर्फ जमीन या फ्लैट खरीदने और बेचने वाले ही आएंगे। इस नए नियम को बहाल करने को लेकर उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। साथ ही संबंधित कंपनी को सॉफ्टवेयर में अहम बदलाव करने को भी कहा है। इसके लिए 1 जून तक की डेटलाइन दी गई है। इस बदलाव से अब सिर्फ जमीन-फ्लैट के क्रेता या खरीदने वाले को अपना-अपना आधार नंबर देना होगा और इसे बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए वैध करना होगा।
राज्य में 137 निबंधन कार्यालय हैं। इन सभी में रोजाना औसतन 5 हजार निबंधन होते हैं। नई प्रणाली से भीड़ कम होगी और राजस्व बढ़ेगा।
इसलिए समझा जा रहा है यह जरूरी
निबंधन कार्यालयों में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान लोगों की नाहक होने वाली भीड़ को कम करना मकसद है। एक रजिस्ट्री में चार या इससे अधिक गवाह होने से काफी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे कार्यालय का कामकाज भी बाधित होता है और प्रक्रिया में समय भी अधिक लगता है। कई मामलों में गवाह जुटाने में भी कई बिचौलियों किस्म के लोग काफी सक्रिय रहते हैं। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए यह नई प्रणाली बहाल की जा रही है।
Source : Hindustan
BIHAR
नीतीश निर्देश- मास्क लगाएं, अस्पताल अलर्ट रहें; केंद्र वैक्सीन नहीं दे रहा तो खरीदें…

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा विभाग द्वारा की गयी तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों से बिहार में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। बिहार में अभी भी प्रतिदिन कोरोना की बड़ी संख्या में टेस्टिंग हो रही है। अभी पूरे देश में कोरोना की जितनी जांच हो रही है उसकी एक तिहाई जांच बिहार में हो रही है। देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 6 लाख के करीब है जबकि बिहार में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 8 लाख से ज्यादा हो रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि पूरे राज्य में अधिक से अधिक टेस्टिंग करायें। जितनी अधिक जांच होगी, कोरोना संक्रमण के मामलों का पता चलेगा । कोरोना के मामले घटे या बढ़े कोरोना की निरंतर जांच जारी रखें। अस्पतालों में मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था रखें। अस्पतालों में सभी प्रकार की दवायें एवं उपकरण उपलब्ध रखें । ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोग मास्क का प्रयोग करें। सभी को अलर्ट और एक्टिव रहना होगा। राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करायें एवं सभी प्रकार की तैयारियां रखें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना की
वैक्सीन उपलब्ध नहीं करायी जा रही है, इसको ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार अपनी तरफ से कोरोना वैक्सीन खरीदकर लोगों का टीकाकरण जारी रखेगी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।
Uncategorized
मुजफ्फरपुर शहर से हटाए गए चार हजार बैनर-पोस्टर

मुजफ्फरपुर : शहर से अवैध बैनर-पोस्टरों को हटाने का अभियान मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन नगर निगम की टीम ने कंपनीबाग, मोतीझील, हरिसभा चौक,इमलीचट्टी, बटलर रोड व अन्य इलाकों में चार हजार से अधिक बैनर-पोस्टर हटाए। पोल व अन्य जगहों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाने के बाद ट्रैक्टर में लोडकर डंप कर दिया गया।
सड़कों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर पर धूल जमा हो जाती है। इस कारण हवा चलने या बड़े वाहनों के गुजरने पर सड़क के साथ बैनर-पोस्टर पर जमा धूल भी उड़ने लगती है। हालात की गंभीरता को देखकर नगर आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। नगर आयुक्त नवीन कुमार के मुताबिक, अवैध तरीके से लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाया जा रहा है।
Source : Hindustan
-
BOLLYWOOD1 week ago
60 साल की उम्र में दूसरी बार दूल्हा बने अभिनेता आशीष विद्यार्थी
-
MUZAFFARPUR3 weeks ago
बाबा गरीबनाथ की नगरी में दिव्य दरबार लगाएंगे बागेश्वर सरकार! स्थल निरिक्षण करने पहुंची टीम
-
BIHAR2 weeks ago
8 साल पहले सिर से उठा था पिता का साया, बेटी ने IAS टॉपर बन लौटाई मां की मुस्कान
-
INDIA3 weeks ago
बिना कोचिंग-ट्यूशन मजदूर की बेटी बनी टॉपर, 500 में पाए 496 नंबर, आईपीएस बनने का सपना
-
BIHAR4 weeks ago
वैशाली में NH-28 पर भीषण सड़क हादसा, ओवरटेक कर रही कार ट्रक से जा भिड़ी; एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
-
BIHAR5 days ago
वौष्णों देवी जा रही बस खाई में गिरी, बिहार के 10 लोगों की मौत, 56 घायल
-
BIHAR2 weeks ago
UPSC में बिहार की बादशाहत कायम … बक्सर की बेटी गरिमा लोहिया को मिला दूसरा रैंक
-
VIRAL2 weeks ago
हैवानियत : न कांपे हाथ न पसीजा कलेजा, इकलौते बेटे ने मां-बाप को तड़पा-तड़पाकर मारा