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बीसीसीआई की एक समझदारी ने निकाल दी उसकी हेकड़ी, हाथ मलता रह गया पाकिस्तान
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची में 8 मार्च को हुए तीसरे वनडे में टीम इंडिया शहीदों के सम्मान में आर्मी कैप लगाकर खेली थी। भारतीय टीम के ऐसा करने के बाद पाकिस्तान भड़क गया था और उसने इसे खेल भावना के खिलाफ बताते हुए इस बारे में ICC से शिकायत करने की बात कही थी। साथ ही भारत के खिलाफ काली पट्टी बांधकर खेलने की […]
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची में 8 मार्च को हुए तीसरे वनडे में टीम इंडिया शहीदों के सम्मान में आर्मी कैप लगाकर खेली थी। भारतीय टीम के ऐसा करने के बाद पाकिस्तान भड़क गया था और उसने इसे खेल भावना के खिलाफ बताते हुए इस बारे में ICC से शिकायत करने की बात कही थी। साथ ही भारत के खिलाफ काली पट्टी बांधकर खेलने की धमकी भी दी थी। हालांकि पाकिस्तान की धमकी की हवा तब निकल गई जब ये बात सामने आई कि बीसीसीआई ने कैप पहनने के लिए पहले ही आईसीसी से परमिशन ले ली थी।
एक दिन पहले ही ले ली थी परमिशन…
– भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रांची में शुक्रवार (8 मार्च) को खेले गए सीरीज के तीसरे वनडे में भारतीय टीम आर्मी कैप लगाकर खेली थी। ऐसा उसने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने और सैनिकों के सम्मान में किया था।
– अब इस बारे में स्थिति साफ करते हुए ICC ने बताया है कि बीसीसीआई ने पहले ही इस बारे में उससे अनुमति ले ली थी। बीसीसीआई ने आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन को गुरुवार 7 मार्च यानी मैच से एक दिन पहले ही इस बारे में बताते हुए आर्मी कैप लगाकर खेलने की परमिशन ले ली थी।
– बोर्ड ने आईसीसी को ये भी बता दिया था कि इस मैच से मिली फीस को प्लेयर्स, शहीदों के परिजनों के लिए दान भी करेंगे। एक इंग्लिश न्यूज वेबसाइट से बातचीत के दौरान आईसीसी के सूत्रों ने इस बारे में बताया।
– टीम इंडिया ने 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में मारे गए 44 जवानों को श्रद्धांजलि और सेना के प्रति अपना सम्मान दिखाने के लिए आर्मी कैप पहनकर वो मैच खेला था। इसके अलावा प्लेयर्स ने उस मैच से मिली फीस को भी शहीदों के परिजनों के लिए दान कर दिया था।
पाकिस्तान ने दी थी शिकायत की धमकी
– भारतीय क्रिकेटर्स और स्टाफ मेंबर्स द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि देने से पाकिस्तान बौखला गया था। वहां के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि आईसीसी को इस मामले में भारत के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।
– चौधरी के मुताबिक आर्मी कैप लगाकर खेलते हुए टीम इंडिया ने जेंटलमैन्स गेम (भद्रजनों के खेल) का राजनीतिकरण किया और उसे डिस्टर्ब करने की कोशिश की। जिसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
– चौधरी ने एक ट्वीट करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से इस मामले में आधिकारिक रूप से आईसीसी से शिकायत करने की बात कही थी। साथ ही लिखा था, ‘ये सिर्फ क्रिकेट नहीं है, मुझे उम्मीद है खेल पर हो रही राजनीति को लेकर ICC कुछ कार्रवाई जरूर करेगा।’
– आगे उन्होंने लिखा, ‘अगर भारतीय टीम ने आगे भी ऐसा किया तो पाकिस्तानी टीम को भी काली पट्टी बांधकर खेलते हुए दुनिया को कश्मीर में भारत द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के बारे में बताना चाहिए। मैं पीसीबी से अपील करता हूं कि वो इस मामले में आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराए।’
Input : Dainik Bhaskar
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जमीन व फ्लैट के निबंधन में एक जून से गवाह की जरूरत नहीं

बिहार में जमीन, फ्लैट, मकान समेत अन्य के निबंधन का प्रावधान 1 जून से बदल जाएगा। अब निबंधन में गवाह की अनिवार्यता समाप्त होने जा रही है। किसी तरह के निबंधन में दो या चार गवाहों को लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, न क्रेता को और न ही बिक्रेता को।
इस नए प्रावधान के तहत निबंधन कार्यालय में सिर्फ जमीन या फ्लैट खरीदने और बेचने वाले ही आएंगे। इस नए नियम को बहाल करने को लेकर उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। साथ ही संबंधित कंपनी को सॉफ्टवेयर में अहम बदलाव करने को भी कहा है। इसके लिए 1 जून तक की डेटलाइन दी गई है। इस बदलाव से अब सिर्फ जमीन-फ्लैट के क्रेता या खरीदने वाले को अपना-अपना आधार नंबर देना होगा और इसे बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए वैध करना होगा।
राज्य में 137 निबंधन कार्यालय हैं। इन सभी में रोजाना औसतन 5 हजार निबंधन होते हैं। नई प्रणाली से भीड़ कम होगी और राजस्व बढ़ेगा।
इसलिए समझा जा रहा है यह जरूरी
निबंधन कार्यालयों में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान लोगों की नाहक होने वाली भीड़ को कम करना मकसद है। एक रजिस्ट्री में चार या इससे अधिक गवाह होने से काफी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे कार्यालय का कामकाज भी बाधित होता है और प्रक्रिया में समय भी अधिक लगता है। कई मामलों में गवाह जुटाने में भी कई बिचौलियों किस्म के लोग काफी सक्रिय रहते हैं। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए यह नई प्रणाली बहाल की जा रही है।
Source : Hindustan
BIHAR
नीतीश निर्देश- मास्क लगाएं, अस्पताल अलर्ट रहें; केंद्र वैक्सीन नहीं दे रहा तो खरीदें…

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा विभाग द्वारा की गयी तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों से बिहार में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। बिहार में अभी भी प्रतिदिन कोरोना की बड़ी संख्या में टेस्टिंग हो रही है। अभी पूरे देश में कोरोना की जितनी जांच हो रही है उसकी एक तिहाई जांच बिहार में हो रही है। देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 6 लाख के करीब है जबकि बिहार में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 8 लाख से ज्यादा हो रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि पूरे राज्य में अधिक से अधिक टेस्टिंग करायें। जितनी अधिक जांच होगी, कोरोना संक्रमण के मामलों का पता चलेगा । कोरोना के मामले घटे या बढ़े कोरोना की निरंतर जांच जारी रखें। अस्पतालों में मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था रखें। अस्पतालों में सभी प्रकार की दवायें एवं उपकरण उपलब्ध रखें । ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोग मास्क का प्रयोग करें। सभी को अलर्ट और एक्टिव रहना होगा। राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करायें एवं सभी प्रकार की तैयारियां रखें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना की
वैक्सीन उपलब्ध नहीं करायी जा रही है, इसको ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार अपनी तरफ से कोरोना वैक्सीन खरीदकर लोगों का टीकाकरण जारी रखेगी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।
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मुजफ्फरपुर शहर से हटाए गए चार हजार बैनर-पोस्टर

मुजफ्फरपुर : शहर से अवैध बैनर-पोस्टरों को हटाने का अभियान मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन नगर निगम की टीम ने कंपनीबाग, मोतीझील, हरिसभा चौक,इमलीचट्टी, बटलर रोड व अन्य इलाकों में चार हजार से अधिक बैनर-पोस्टर हटाए। पोल व अन्य जगहों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाने के बाद ट्रैक्टर में लोडकर डंप कर दिया गया।
सड़कों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर पर धूल जमा हो जाती है। इस कारण हवा चलने या बड़े वाहनों के गुजरने पर सड़क के साथ बैनर-पोस्टर पर जमा धूल भी उड़ने लगती है। हालात की गंभीरता को देखकर नगर आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। नगर आयुक्त नवीन कुमार के मुताबिक, अवैध तरीके से लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाया जा रहा है।
Source : Hindustan
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