Connect with us

STORY

फुल टाइम जॉब के साथ तैयारी करके IAS बनीं याशनी नागराजन, सीखें बेहतर टाइम मैनेजमेंट

Published

on

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और ज्यादातर कैंडिडेट्स को लगता है कि इसकी तैयारी फुल टाइम करनी पड़ती है, लेकिन कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते हैं, जो नौकरी करने के साथ ही सिविल सर्विस एग्जाम पास कर लेते हैं और आईएएस बन जाते हैं. ऐसी ही कुछ स्टोरी अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली यशनी नागराजन की है, जिन्होंने फुल टाइम जॉब के साथ रोजाना सिर्फ 4-5 घंटे पढ़ाई की और आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा किया.

May be an image of 1 person, standing, food and outdoors

याशनी ने पहले की इंजीनियरिंग

Advertisement

याशनी नागराजन  ने अपनी स्कूली शिक्षा अरुणाचल प्रदेश के नाहरलगुन स्थित केंद्रीय विद्यालय से की. 12वीं के बाद याशनी ने पापुम पारे जिले के युपिया में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया और उन्होंने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया.

Meet IAS officer Yashni Nagarajan, who got AIR 57 in UPSC exam along with full-time job

फुल टाइम जॉब के साथ यूपीएससी की तैयारी

Advertisement

बीटेक करने के बाद याशनी नागराजन  की नौकरी लग गई, लेकिन उनका सपना हमेशा से आईएएस अफसर बनने का था. इसके बाद उन्होंने नौकरी के साथ ही यूपीएससी एग्जाम  की तैयारी करने का फैसला किया. हालांकि फुल टाइम जॉब के साथ यह इतना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने बेहतर टाइम मैनेजमेंट से यह संभव कर दिखाया.

Haldiram Bhujiawala, Muzaffarpur - Restaurant

रोज कर पाती थीं सिर्फ 4-5 घंटे पढ़ाई

Advertisement

फुल टाइम जॉब के बावजूद याशनी नागराजन  पढ़ाई के लिए समय निकाल लेती थीं, लेकिन वह एक दिन में सिर्फ 4-5 घंटे ही पढ़ाई कर पाती थीं. हालांकि वह वीकेंड का पूरा इस्तेमाल करती थीं और पूरे दिन पढ़ाई करती थीं. DNA की रिपोर्ट के अनुसार, याशनी मानती है कि फुल टाइम जॉब करने के साथ ही यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं, लेकिन वीकेंड पर आपको ज्यादा ध्यान देना होगा.

तीसरे प्रयास में याशनी को मिली सफलता

Advertisement

याशनी नागराजन ने कड़ी मेहनत से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की, लेकिन पहले दो प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली. तीसरे प्रयास में याशनी चयनित हुईं और ऑल इंडिया में 834वीं रैंक हासिल की, लेकिन वो अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थी. इसके बाद उन्होंने चौथी बार एग्जाम देने का फैसला किया.

चौथे प्रयास में बनीं IAS अफसर

Advertisement

लगातार दो असफलताएं और तीसरी बार 834वीं रैंक हासिल करने के बाद भी याशनी नागराजन  ने हिम्मत नहीं हारी और खुद को मोटिवेट करते हुए चौथी बार यूपीएससी परीक्षा दी. चौथे प्रयास में भी याशनी को सफलता मिली और उन्होंने 57वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया. याशनी के पिता थंगावेल नागराजन रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी इंजीनियर हैं और उनकी मां गुवाहाटी हाई कोर्ट रजिस्ट्री के ईटानगर शाखा की रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट हैं.

पहले 2 प्रयासों में क्यों नहीं मिली सफलता?

Advertisement

याशनी नागराजन बताती है कि उनकी असफलता पीछे सबसे बड़ी कमी ऑप्शनल विषय था. उन्होंने गलत ऑप्शनल चुन लिया था, क्योंकि उनके सारे दोस्त वही चुन रहे थे. तीन बार उन्होंने उसी ऑप्शनल सब्जेक्ट के साथ परीक्षा दी और चौथी बार में उसे बदलने के बाद सफलता हाथ लगी. वे कहती हैं ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव बहुत ज्यादा जरूरी है, इसलिए सोच-समझकर ही चुनना चाहिए.

Source : Zee News

Advertisement

(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Advertisement
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

STORY

डॉक्टर से आईपीएस बने बिहार के अभिषेक पल्लव की सक्सेस स्टोरी

Published

on

By

जब हम पुलिस अधिकारी की बात करते है तो आमतौर पर उनकी सख्त छवि उभर कर सामने आती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पुलिस अधिकारी के बारे में बताएंगे जो बेहद सरल और सहज है। हम आज आईपीएस अभिषेक पल्लव के बारे में जानेंगे जिन्होंने बस्तर और दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों का दिल जीत लिया। कई नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया। अभिषेक पल्लव छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के एसपी है। वो एक डॉक्टर से आईपीएस अधिकारी बने हैं। आइए जानते है उनके सफर की सक्सेस स्टोरी।

Here's How One Doctor-Turned-IPS Officer is Using Kindness to Counter  Naxalism

आईपीएस ऑफिसर अभिषेक पल्लव मूल रूप से बिहार के बेगुसराय के रहने वाले हैं। 2 सितंबर 1982 को जन्में अभिषेक ने 2009 में AIIMS में एमडी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2012 में यूपीएससी क्रैक किया। अभिषेक के पिता आर्मी में थे, जिस वजह से उनकी स्कूलिंग आर्मी स्कूल में हुई। वो शुरुआत से ही आईपीएस बनना चाहते थे।

Advertisement

बता दें कि अभिषेक की पहली पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एडिशनल एसपी एंटी नक्सल ऑपरेशन के तौर पर हुई थी। वहां वो तीन साल रहे, इसके बाद कोंडागांव के एसपी बने। बाद में दंतेवाड़ा के एसपी पोस्ट पर पोस्टिंग हुई।

मालूम हो कि नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान चलाने के कारण उन्हें राष्ट्रपति के हाथों वीरता पुरस्कार भी मिल चुका है। अभिषेक जहां एक मनोचिकित्सक है, वहीं उनकी पत्नी यशा पल्लव एक स्किन स्पेशलिस्ट है। दोनों नक्सल प्रभावित इलाकों में अक्सर मेडिकल कैंप लगाते रहते है।

Advertisement

nps-builders

Genius-Classes

Continue Reading

STORY

विकास दिव्यकीर्ति सर ने बताया- कैसे रेप पीड़िता बनी IPS, मिली सबसे ज्यादा खुशी

Published

on

देश के चर्चित शिक्षकों में शामिल डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने अब माता-पिता की कोचिंग की भी वकालत कर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैरेंट्स बनने के साथ ही उनकी कोचिंग शुरू हो जानी चाहिए। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने शिक्षक जीवन से जुड़ा एक भावनात्मक किस्सा भी साझा किया, जहां मेहनत के दम पर बलात्कार का शिकार हुए युवती ने IPS ऑफिसर बनने तक का सफर तय किया।

डॉक्टर दिव्यकीर्ति ने कहा, ‘पैरेंट्स की कोचिंग तो उसी दिन शुरू हो जानी चाहिए, जिस दिन वो पैरेंट्स बनते हैं। इस देश में बच्चों की कोचिंग से ज्यादा जरूरी है पैरेंट्स की कोचिंग करना। मैं भी एक पैरेंट हूं और मैं भी इस बात को समझता हूं। एक अजीब सा भय बच्चों के मन में रहता है।’ ABP न्यूज के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘मैं बच्चों का भविष्य नहीं बनाता। बच्चें ही हैं, जो कुछ किस्मत के साथ कड़ी मेहनत करते हैं और IAS अफसर बनते हैं।’

Advertisement

nps-builders

कैसे रेप पीड़िता बनी अधिकारी

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया, ‘मुझसे कई लोगों ने पूछा कि इतने विद्यार्थियों को पढ़ाने के बाद सबसे अच्छा अनुभव कौन सा रहा।’ इसे लेकर उन्होंने मंच से 15-17 साल पहले का एक उदाहरण साझा किया, जब बलात्कार का शिकार हुआ युवती मुलाकात करने पहुंची थी।

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘एक लड़की मुझसे मिलने आई, जिसकी उम्र 21-22 साल रही होगी उस समय और उसने रोते हुए मुझसे एक बात कही कि मैं गांव में थी। वहां मेरे साथ रेप हुआ। और जिस तरह से उसने बताया वह बहुत घबराने वाली बात थी। तो मैंने कहा कि फिर आपने पुलिस में शिकायत तो की होगी, अपने माता-पिता से बात की होगी। उसने कहा मैं यह बात दुनिया में किसी से भी कर सकती हूं। आपसे भी कर सकती हूं, लेकिन अपने माता-पिता से नहीं कर सकती। क्योंकि जब मैं छोटी थी, कुछ रिश्तेदारों ने ऐसी हरकत की थी। जब मैंने अपनी मां को बोला, तो मां ने डांटकर भगा दिया।’

उन्होंने आगे कहा, ‘और उस लड़की के मन में एक ही सपना था कि उसे नौकरी नहीं चाहिए। वह कहती थी कि मैं जिंदगी जी लूंगी। मेरा मन करता है कि मैं पुलिस बनूं और कम से कम अपने इलाके में किसी और बच्ची के साथ ये नहीं होने दूं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे जीवन का सबसे संतुष्ट करने वाला अनुभव वो था जब वह तीन-चार साल की मेहनत के बाद IPS बनी। आज वह IPS है।’

Advertisement

Source : Hindustan

Genius-Classes

Advertisement
Continue Reading

STORY

मर्डर के बाद शव सड़ने तक शारिरिक संबंध, कटे सिर शोकेस पर रखने का शौक; डरावनी है इस सीरियल किलर की कहानी

Published

on

आपने निठारी के शैतान सुरेंद्र कोली के बारे में सुना होगा। यह उससे भी भयानक और खूंखार था। इसकी शक्ल देखकर इसकी हैवानियत और शैतानी सोच का अंदाजा लगाना मुश्किल है। महज 23 साल की उम्र में इसने पहली वारदात को अंजाम दिया। अमेरिका के इस कुख्यात सीरियल किलर का नाम- थियोडोर रॉबर्ट बंडी है। इसने 30 से अधिक महिलाओं को अपना शिकार बनाया था। इस किलर को टेड बंडी के नाम से भी जाना जाता था। 80 के दशक में महिलाओं के दिल में इसका खौफ था। यह सुंदर महिलाओं से फ्लर्ट करता फिर मौका पाकर रेप के बाद मर्डर और फिर कई दिनों तक शव के साथ शारिरिक संबंध बनाना इसका शौक था। निशानी के तौर पर यह सिर को धड़ से अलग करके शो केस में सजाकर भी रखता था। शव से संबंध बनाने से पहले शवों पर मेकअप भी करता था। दो बार से जेल से फरार हुए इस साइको किलर को कोर्ट ने इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठाकर करंट से मौत की सजा सुनाई थी। जब ये मरा तो जश्न के मारे लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े थे। जानते हैं इस सीरियल किलर की कहानी…

Her Murder Was Tied to Ted Bundy. Then the Case Went Cold.

मानवीय इतिहास में कई खूंखार सीरियल किलर हुए हैं। इनमें में एक था- टेड बंडी उर्फ थियोडोर रॉबर्ट बंडी। अमेरिका के इस कुख्यात सीरियल किलर थियोडोर रॉबर्ट बंडी का जन्म 24 नवंबर 1946 को बर्लिंगटन में हुआ था। यह पहले महिला या लड़की का अपहरण करता था। फिर उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाता था और फिर जान से मार देता था। इस साइको किलर के सनकीपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह शवों के साथ कई दिनों तक शारिरिक संबंध बनाता था, जब तक शव सड़ न जाए या कोई जानवर उसे अपना शिकार न बना दे।

Advertisement

महिलाओं से फ्लर्टिंग भी

80 के दशक में इसका इतना खौफ था कि इसके नाम से भी लोग डरते थे। रिपोर्ट बताती है कि इसके निशाने पर अक्सर महिलाएं ही होती थी और इसने 30 से ज्यादा महिलाओं को अपना शिकार बनाया था। 1971 से पहले इसके अपराध का कोई रिकॉर्ड नहीं था लेकिन, 1974 से 1978 तक इसने अमेरिका के कई शहरों में संगीन वारदातों को अंजाम दिया था। यह दिखने में काफी हैंडसम था और इसलिए अक्सर महिलाएं इसके चंगुल में फंस जाती थी। यह उनसे फ्लर्ट करता था और फिर अपने मंसूबों को अंजाम दिया।

Advertisement

कटे सिर शोकेस पर रखने का शौक

टेड बंडी इस कदर साइको था कि उसने अपने घर में 12 से अधिक महिलाओं के कटे हुए सिर शोकेस में इस कदर संभाल कर रखे थे, मानो कोई ट्रॉफी हो। मीडिया रिपोर्ट कहती है कि उसने पहली वारदात की कोशिश 23 साल की उम्र में 1969 को की। उसने महिला का अपहरण का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाया। यह बात उसने अपने एक दोस्त निल्सन को बताई थी। हालांकि पुलिस अधिकारी ऑफ रिकॉर्ड बताते हैं कि उसने 1969 में अटलांटिक सिटी में दो महिलाओं के साथ दरिंदगी की और फिर हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी। यह उसका पहला क्राइम था। लेकिन, इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं मिलता है।

Advertisement

इसक सीरियल किलर की वारदातों का जिक्र करें तो एक बार इसने एक महिला के घर में चोर की तरह एंट्री ली। वह सो रही थी। पहले सिर पर हमला कर बेहोश किया। फिर लोहे की छड़ी से ऐसी दरिंदगी दिखाई कि वह महिला हमेशा के लिए विकलांग हो गई। इसने 10 से अधिक महिलाओं के घर पर घुसकर वारदातों को अंजाम दिया था।

मौत पर जेल के बाहर फोड़े गए पटाखे

Advertisement

टेड बंडी को पहली बार 16 अगस्त 1975 को गिरफ्तार किया था। लेकिन 7 जून 1977 को वह जेल से भाग निकला। 13 जून को फिर गिरफ्तार हुआ लेकिन, 30 दिसंबर 1977 को फिर फरार हो गया। 15 फरवरी को इसे फिर पकड़ा गया और जनवरी 1989 को इसे मौत की सजा सुनाई गई। इसे फ्लोरिडा के जेल में सवेरे 7 बजे इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठाकर करंट देकर मौत दी गई। इसकी मौत पर जेल के बाहर जश्न में पटाखे फोड़े गए थे।

Source : Hindustan

Advertisement

nps-builders

Genius-Classes

Continue Reading
VIRAL30 mins ago

मोबाइल के लिए शौहर को छोड़ आई सबा .. सोशल मीडिया चलाने से रोकने पर साले ने तान दी बन्दूक

WORLD24 hours ago

देश के मुसलमानों की हालत दलितों जैसी, US में बोले राहुल गांधी; बयान पर फिर मचा बवाल

INDIA24 hours ago

साक्षी को 34 चाकू मारने वाले साहिल को नहीं पछतावा, बोला- सिखाया सबक

DHARM24 hours ago

साल की सबसे बड़ी निर्जला एकादशी आज, जाने इस तिथि का महत्व

BIHAR1 day ago

पटना: पत्नी प्रेमी के साथ हुई फरार तो गुस्से में आकर पति ने रेल जंक्शन को उड़ाने की दी धमकी

MUZAFFARPUR1 day ago

साहेबगंज विधायक राजू सिंह की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट में दाखिल

VIRAL2 days ago

पिता ने ज्यादा दहेज़ दिया तो महिला ने पति-सास के लिए खाना बनाने से किया इंकार, कहा- नौकरानी रख लो

BIHAR2 days ago

वौष्णों देवी जा रही बस खाई में गिरी, बिहार के 10 लोगों की मौत, 56 घायल

INDIA3 days ago

नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-1 का प्रक्षेपण सफल, अब सेना होगी और सशक्त

BIHAR3 days ago

बिहार : घर के कुत्ते ने सुलझाया रेप-मर्डर का ब्लाइंड केस, फिर ऐसे क्रिमिनल तक पहुंची पुलिस

BOLLYWOOD7 days ago

60 साल की उम्र में दूसरी बार दूल्हा बने अभिनेता आशीष विद्यार्थी

MUZAFFARPUR2 weeks ago

बाबा गरीबनाथ की नगरी में दिव्य दरबार लगाएंगे बागेश्वर सरकार! स्थल निरिक्षण करने पहुंची टीम

BIHAR1 week ago

8 साल पहले सिर से उठा था पिता का साया, बेटी ने IAS टॉपर बन लौटाई मां की मुस्‍कान

INDIA2 weeks ago

बिना कोचिंग-ट्यूशन मजदूर की बेटी बनी टॉपर, 500 में पाए 496 नंबर, आईपीएस बनने का सपना

BIHAR4 weeks ago

वैशाली में NH-28 पर भीषण सड़क हादसा, ओवरटेक कर रही कार ट्रक से जा भिड़ी; एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत

SPORTS4 weeks ago

गौतम गंभीर से लड़ाई के बाद विराट कोहली का पहला बयान आया सामने

BIHAR1 week ago

UPSC में बिहार की बादशाहत कायम … बक्सर की बेटी गरिमा लोहिया को मिला दूसरा रैंक

VIRAL2 weeks ago

हैवानियत : न कांपे हाथ न पसीजा कलेजा, इकलौते बेटे ने मां-बाप को तड़पा-तड़पाकर मारा

AUTOMOBILES2 weeks ago

10 साल की वारंटी और कीमत बेहद कम! हौंडा ने इन राज्यों में स्पेशल प्राइस में लॉन्च की ये सस्ती बाइक

BIHAR2 days ago

वौष्णों देवी जा रही बस खाई में गिरी, बिहार के 10 लोगों की मौत, 56 घायल

Trending