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चीन फिर निकला पाकिस्तान का सगा
पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में पल रहे आ’तंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को चीन ने 10 साल में चौथी बार वैश्विक आ’तंकी घोषित होने से बचा लिया। उसने वीटो करते हुए मसूद को वैश्विक आतं’कियों की लिस्ट में डालने के UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। अमेरिका, ब्रिटेन […]
पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में पल रहे आ’तंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को चीन ने 10 साल में चौथी बार वैश्विक आ’तंकी घोषित होने से बचा लिया। उसने वीटो करते हुए मसूद को वैश्विक आतं’कियों की लिस्ट में डालने के UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस परिषद में ये प्रस्ताव लेकर आए थे इसके अलावा जर्मनी ने भी अजहर को वैश्विक आं’तकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन, मसूद को आ’तंकी घोषित किए जाने से ठीक एक घंटे पहले चीन ने तकनीकी आधार पर अड़ंगा लगा दिया।
2009 से अबतक 4 बार प्रस्ताव गिरा चुका है चीन
– चीन ने वीटो लगाते हुए कहा कि वो बिना सबूतों के कार्रवाई के खिलाफ है। यही बात उसने तीन दिन पहले भी कही थी। इस पर अमेरिका ने चीन से समझदारी से काम लेने की गुजारिश की थी। अमेरिका ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच शांति बनाए रखने के लिए मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करना जरूरी है।
– इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तीन बार (2009, 2016 और 2017) मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव आया था, लेकिन तब भी चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए उसे गिरा दिया था।
– मसूद के खिलाफ साल 2009 में सबसे पहले भारत ने ही प्रस्ताव दिया था। दूसरी बार अमेरिका ने और तीसरी बार ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर प्रस्ताव दिया था। अब चौथी बार अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने यूएन में प्रस्ताव रखा था।
चार कारणों से मसूद को बचाता रहता है चीन
1. पाकिस्तान में 7 लाख करोड़ का निवेश, 77 कंपनियां
– पाकिस्तान में चीन CPEC (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) बना रहा है, जिसमें वो 55 बिलियन डॉलर (3.8 लाख करोड़ रु.) का निवेश करेगा। कई प्रोजेक्ट्स में 46 बिलियन डॉलर (3.2 लाख करोड़ रु.) खर्च कर चुका है। पाक में सबसे ज्यादा 77 चीन की कंपनियां हैं।
2. भारत को घरेलू मोर्चे पर घेरे रखना
– चीन भारत को सबसे बड़ा आर्थिक प्रतिद्वंद्वी मानता है। वो चाहता है कि भारत दक्षिण एशिया के अहम बिंदुओं पर ध्यान ना देकर घरेलू समस्याओं में उलझा रहे। वो मसूद के खिलाफ जाता तो भारत मजबूत दिखता।
3. मुस्लिमों पर कार्रवाई में पाकिस्तान साथ
– चीन में उईगर मुस्लिमों पर कई प्रतिबंध हैं। वे खुले में नमाज तक नहीं पढ़ पाते। इस्लामिक सहयोग संगठन के देशों में से सिर्फ पाक ही इस बैन को सही मानता है। चीन को इस मोर्चे पर भी पाक की जरूरत है।
4. अमेरिका और दलाई लामा भी कारण
– भारत जिस तरह मसूद को अपने लिए खतरा मानता है, उसी तरह चीन भारत में शरण लिए बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को अपना दुश्मन मानता है। इसी वजह से वो दलाई लामा का बदला मसूद अजहर के जरिए निकालता है। इसके अलावा भारत-अमेरिका के संबंध भी चीन के खिलाफ जाते हैं, इसलिए चीन ने मसूद को हथियार बना लिया है।
Input : Dainik Bhaskar
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जमीन व फ्लैट के निबंधन में एक जून से गवाह की जरूरत नहीं

बिहार में जमीन, फ्लैट, मकान समेत अन्य के निबंधन का प्रावधान 1 जून से बदल जाएगा। अब निबंधन में गवाह की अनिवार्यता समाप्त होने जा रही है। किसी तरह के निबंधन में दो या चार गवाहों को लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, न क्रेता को और न ही बिक्रेता को।
इस नए प्रावधान के तहत निबंधन कार्यालय में सिर्फ जमीन या फ्लैट खरीदने और बेचने वाले ही आएंगे। इस नए नियम को बहाल करने को लेकर उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। साथ ही संबंधित कंपनी को सॉफ्टवेयर में अहम बदलाव करने को भी कहा है। इसके लिए 1 जून तक की डेटलाइन दी गई है। इस बदलाव से अब सिर्फ जमीन-फ्लैट के क्रेता या खरीदने वाले को अपना-अपना आधार नंबर देना होगा और इसे बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए वैध करना होगा।
राज्य में 137 निबंधन कार्यालय हैं। इन सभी में रोजाना औसतन 5 हजार निबंधन होते हैं। नई प्रणाली से भीड़ कम होगी और राजस्व बढ़ेगा।
इसलिए समझा जा रहा है यह जरूरी
निबंधन कार्यालयों में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान लोगों की नाहक होने वाली भीड़ को कम करना मकसद है। एक रजिस्ट्री में चार या इससे अधिक गवाह होने से काफी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे कार्यालय का कामकाज भी बाधित होता है और प्रक्रिया में समय भी अधिक लगता है। कई मामलों में गवाह जुटाने में भी कई बिचौलियों किस्म के लोग काफी सक्रिय रहते हैं। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए यह नई प्रणाली बहाल की जा रही है।
Source : Hindustan
BIHAR
नीतीश निर्देश- मास्क लगाएं, अस्पताल अलर्ट रहें; केंद्र वैक्सीन नहीं दे रहा तो खरीदें…

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा विभाग द्वारा की गयी तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों से बिहार में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। बिहार में अभी भी प्रतिदिन कोरोना की बड़ी संख्या में टेस्टिंग हो रही है। अभी पूरे देश में कोरोना की जितनी जांच हो रही है उसकी एक तिहाई जांच बिहार में हो रही है। देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 6 लाख के करीब है जबकि बिहार में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 8 लाख से ज्यादा हो रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि पूरे राज्य में अधिक से अधिक टेस्टिंग करायें। जितनी अधिक जांच होगी, कोरोना संक्रमण के मामलों का पता चलेगा । कोरोना के मामले घटे या बढ़े कोरोना की निरंतर जांच जारी रखें। अस्पतालों में मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था रखें। अस्पतालों में सभी प्रकार की दवायें एवं उपकरण उपलब्ध रखें । ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोग मास्क का प्रयोग करें। सभी को अलर्ट और एक्टिव रहना होगा। राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करायें एवं सभी प्रकार की तैयारियां रखें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना की
वैक्सीन उपलब्ध नहीं करायी जा रही है, इसको ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार अपनी तरफ से कोरोना वैक्सीन खरीदकर लोगों का टीकाकरण जारी रखेगी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।
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मुजफ्फरपुर शहर से हटाए गए चार हजार बैनर-पोस्टर

मुजफ्फरपुर : शहर से अवैध बैनर-पोस्टरों को हटाने का अभियान मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन नगर निगम की टीम ने कंपनीबाग, मोतीझील, हरिसभा चौक,इमलीचट्टी, बटलर रोड व अन्य इलाकों में चार हजार से अधिक बैनर-पोस्टर हटाए। पोल व अन्य जगहों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाने के बाद ट्रैक्टर में लोडकर डंप कर दिया गया।
सड़कों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर पर धूल जमा हो जाती है। इस कारण हवा चलने या बड़े वाहनों के गुजरने पर सड़क के साथ बैनर-पोस्टर पर जमा धूल भी उड़ने लगती है। हालात की गंभीरता को देखकर नगर आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। नगर आयुक्त नवीन कुमार के मुताबिक, अवैध तरीके से लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाया जा रहा है।
Source : Hindustan
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