HEALTH
आम खाने से पहले जान लें इसके फायदे बेशुमार

आम खाने के फायदे (Mango Eating Benefits): गर्मियों का मौसम अपने शबाब पर है. इस मौसम की सबसे ख़ास बात है- आम. आम को फलों का राजा कहा जाता है. आम को कई तरीके से खाया और इस्तेमाल किया जाता है. आम को काटकर छीलकर, निचोड़कर, मैंगो शेक और लस्सी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है . फूड हिस्टोरियन केटी आचार्य ने अपनी बुक ‘ए हिस्टोरिकल डिक्शनरी ऑफ इंडियन फूड’ में लिखा है, आम का सबसे पहले उल्लेख ब्राह्मणरायक उपनिषद (c.1000 ईसा पूर्व) में ‘अमरा’ के रूप में मिलता है और थोड़े बाद में शतपथ ब्राह्मण, में आम की खासियतों का जिक्र है. महात्मा बुद्ध को भी आम बहुत पसंद थे. वो आम के बगीचे में ही मेडिटेशन करना पसंद करते थे. ये तो हुईं आम की तारीफ में कुछ बातें लेकिन आह हम आपको एनडीटीवी डॉक्टर के हवाले से आम के कुछ ऐसे फायदों के बारे में बताएंगे जो सेहत के लिहाज से काफी बेहतर हैं…
विटामिन सी से भरपूर:
आम में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. इसमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट बॉडी की रोग प्रतिरक्षा तंत्र को स्ट्रांग करते हैं जिससे कि सर्दी, जुकाम, बुखार से बचत रहती है.
आंखों के लिए है बेहतर:
आम का सेवन आंखों की सेहत के लिए भी काफी बेहतर होता है. आम बीटा-कैरोटीन की प्रचुर मात्रा होती है जो विटामिन ए के उत्पादन में मदद करता है. इसमें पाए जाने वाले स्ट्रांग एंटीऑक्सिडेंट आंखों की रोशनी सुधारने में मददगार हैं.
पाचन में मदद करता है:
आम स्वस्थ पाचन में मदद कर सकता है. डीके पब्लिशिंग की किताब ‘हीलिंग फूड्स’ के अनुसार, आम में ऐसे एंजाइम होते हैं जो प्रोटीन के टूटने और पाचन में मदद करते हैं और फाइबर भी होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनता है. आहार फाइबर हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह के रिस्क को कम करने में मदद करता है. हरे आम में पके आम की तुलना में अधिक पेक्टिन फाइबर होता है.
HEALTH
दुनिया में पहली बार मां के गर्भ में पल रहे बच्चे की ब्रेन सर्जरी!

चिकित्सकों की एक टीम ने मां के गर्भ में ही पल रहे एक अजन्मे बच्चे की ब्रेन सर्जरी कर चमत्कार किया है। इस तरह की यह दुनिया की पहली सर्जरी है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी डॉक्टरों की एक टीम ने गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क के अंदर एक दुर्लभ रक्त वाहिका की असामान्य स्थिति का इलाज करने के लिए उसकी ब्रेन-सर्जरी की है।
अमेरिकी शहर बोस्टन में डॉक्टरों की एक टीम ने यह सफल सर्जरी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैलेन मालफॉर्मेशन की नस के रूप में जानी जाने वाली दुर्लभ बीमारी का इलाज करने के लिए सफलतापूर्वक भ्रूण की सर्जरी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भ के अंदर हुई यह सर्जरी अल्ट्रासाउंड-गाइडेड प्रक्रिया थी। यह सर्जरी मार्च में हुई थी लेकिन इसके बारे में पूरी रिपोर्ट गुरुवार को स्ट्रोक जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसे Venus of Galen malformation (VOGM) भी कहा जाता है।
CNN के मुताबिक, गैलेन मालफॉर्मेशन की स्थिति तब विकसित होती है, जब ब्रेन से हार्ट तक खून पहुंचाने वाली रक्त नलिका का विकास भ्रूण के अंदर नहीं हो पाता है। इस नली के विकसित नहीं होने से बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ता है और उसे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है।
बोस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल के रेडियोलॉजिस्ट और VOGM के स्पेशलिस्ट डॉ. डैरेन ओरबैक ने CNN को बताया कि ऐसी स्थिति में बच्चे के ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट फेल होने का खतरा रहता है। ओरबैक के मुताबिक, आमतौर पर ऐसे मामलों में बच्चे के जन्म लेने के बाद उसका इलाज किया जाता है और उसके ब्रेन में एक कैथेटर डालकर उसके ब्लड सप्लाई की गति को कम किया जाता है। बतौर डॉक्टर इस प्रक्रिया में 50 से 60 फीसदी बच्चे बहुत कमजोर हो जाते हैं और उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे मामलों में मृत्युदर भी 40 फीसदी के करीब होती है।
Source : Hindustan
HEALTH
हांगकांग फ्लू के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों की कड़ी निगरानी करें राज्य : केंद्र

केंद्र ने शनिवार को राज्यों से कहा है कि वे इंफ्लूएंजा-ए के उप-स्वरूप एच3एन2 (हांगकांग फ्लू) के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों की कड़ी निगरानी करें और सतर्क रहें। देश में हांगकांग फ्लू के मामलों में वृद्धि के बीच कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण दर में क्रमिक बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र ने यह बात कही।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को लिखे पत्र में इंफ्लूएंजा जैसी बीमारी या गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण के मामलों की निगरानी के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। साथ ही राज्यों से दवाओं व ऑक्सीजन की उपलब्धता, कोरोना और इंफ्लुएंजा के खिलाफ टीकाकरण की तैयारियों का जायजा लेने का भी अनुरोध किया गया है।
पुडुचेरी, ओडिशा में 129 नए मामले
पुडुचेरी में एच3एन2 के अब तक 79 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। उधर, ओडिशा में जनवरी और फरवरी के दौरान एच3एन2 के 59 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। बीते दो महीनों में इतने मामले सामने आने के बाद सतर्कता बढ़ाई गई है।
HEALTH
कोरोना के सभी वेरिएंट का पता सिर्फ 1 घंटे में, अमेरिका में विकसित हुआ CoVarScan टेस्ट

कोरोना को आए करीब तीन साल होने को है लेकिन इसका कहर अब भी बदस्तूर जारी है. पूरी दुनिया में इस वक्त भी कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है और पश्चिमी देशों में कुछ नए वेरिएंटों ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है. कोरोना के इस नए वेरिएंट का पता लगाने में कई-कई दिन लग जाते हैं. आरटीपीसीआर टेस्ट में करीब 24 घंटे का समय लगता है. लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसा तरीका इजाद किया जिसके अतर्गत कोरोना के सभी वेरिएंट का टेस्ट सिर्फ एक घंटे में हो जाता है.
सभी वेरिएंट का सटीक पता
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि SARS-CoV-2 के किसी भी वेरिएंट का पता सिर्फ एक रैपिड टेस्ट से एक घंटे के अंदर लग जाएगा. इस टेस्ट को CoVarScan नाम दिया गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने इस CoVarScan से 4000 सैंपल का टेस्ट किया है. शोधकर्ताओं के इस अध्ययन को क्लीनिकल केमिस्ट्री जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि CoVarScan से वर्तमान में पाए जाने वाले सभी वेरिएंट का सटीक पता लगाया जा सकता है.
यह अब तक इजाद किसी भी टेस्ट विधि से ज्यादा सटीक है. सबसे खास बात यह है कि चाहे सैंपल में कोई भी वेरिएंट क्यों न हो, उसका पता आसाना से लगा लिया जाता है.
फिलहाल कोई भी टेस्ट एक घंटे में वेरिएंट का पता नहीं लगाता
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रोफेसर और इस अध्यन के प्रमुख शोधकर्ता जेफरी सोरेले ने बताया कि इस टेस्ट के इस्तेमाल से सामुदायिक स्तर पर पाए जाने वाले सभी वेरिएंट का पता तो जल्दी लगाया ही जाता है, इसके अलावा अगर कोई नया वेरिएंट सामने आया है, तो यह टेस्ट इसे भी बता देता है. जेफरी सोरेले ने बताया कि जब हम इलाज के लिए अलग-अलग प्रतिक्रिया देने वाले वेरिएंट के साथ काम कर रहे हैं, तो इसका प्रभाव मरीजों पर भी पड़ता है.वर्तमान में जितने भी कोविड टेस्ट हैं उनसे आमतौर पर कोविड-19 के जेनेटिक मैटेरियल या छोटे-छोटे अणुओं का पता चलता है. इन टेस्टों से वेरिएंट का पता नहीं चलता. इसके लिए सैंपल को अलग जगह पर भेजना होता है. लेकिन CoVarScan में वेरिएंट का पता भी एक घंटे में चल जाता है.
Source : News18
-
BOLLYWOOD7 days ago
60 साल की उम्र में दूसरी बार दूल्हा बने अभिनेता आशीष विद्यार्थी
-
MUZAFFARPUR2 weeks ago
बाबा गरीबनाथ की नगरी में दिव्य दरबार लगाएंगे बागेश्वर सरकार! स्थल निरिक्षण करने पहुंची टीम
-
BIHAR1 week ago
8 साल पहले सिर से उठा था पिता का साया, बेटी ने IAS टॉपर बन लौटाई मां की मुस्कान
-
INDIA2 weeks ago
बिना कोचिंग-ट्यूशन मजदूर की बेटी बनी टॉपर, 500 में पाए 496 नंबर, आईपीएस बनने का सपना
-
BIHAR4 weeks ago
वैशाली में NH-28 पर भीषण सड़क हादसा, ओवरटेक कर रही कार ट्रक से जा भिड़ी; एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
-
SPORTS4 weeks ago
गौतम गंभीर से लड़ाई के बाद विराट कोहली का पहला बयान आया सामने
-
BIHAR1 week ago
UPSC में बिहार की बादशाहत कायम … बक्सर की बेटी गरिमा लोहिया को मिला दूसरा रैंक
-
VIRAL2 weeks ago
हैवानियत : न कांपे हाथ न पसीजा कलेजा, इकलौते बेटे ने मां-बाप को तड़पा-तड़पाकर मारा